Kasaragod Murder : केरल के कासरगोड जिले में एक ऐसी घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया, जिसने इंसानियत पर सवाल खड़े कर दिए। एक शराबी दुकानदार ने बदले की आग में एक महिला को जिंदा जला दिया। यह घटना न केवल दुखद है, बल्कि समाज में बढ़ती हिंसा और शराब के दुष्प्रभावों को भी उजागर करती है। आइए, इस घटना के पीछे की कहानी को विस्तार से जानते हैं।
मन्नादुक्कम की भयावह रात
8 अप्रैल 2025 की रात, कासरगोड के मन्नादुक्कम गांव में एक ऐसी घटना घटी, जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। स्थानीय निवासी रमिता, जो अपनी छोटी-सी किराने की दुकान चलाती थीं, उस दिन हमेशा की तरह अपनी दुकान पर बैठी थीं। रमिता मेहनती और आत्मनिर्भर थीं, जो अपने परिवार का खर्च चलाने के लिए दिन-रात मेहनत करती थीं। लेकिन उस रात उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई।
रमिता की दुकान के ठीक बगल में रामामृतम नाम का व्यक्ति फर्नीचर की दुकान चलाता था। रामामृतम, जो तमिलनाडु का रहने वाला था, अक्सर शराब के नशे में रमिता से उलझता था। उसका व्यवहार इतना परेशान करने वाला था कि रमिता को मजबूरन मकान मालिक से इसकी शिकायत करनी पड़ी। मकान मालिक ने रामामृतम को घर खाली करने की चेतावनी दी, जिससे उसके मन में रमिता के प्रति नफरत की आग भड़क उठी।
बदले की साजिश और क्रूर कृत्य
रामामृतम ने अपने अपमान का बदला लेने की ठान ली। 8 अप्रैल की रात, जब रमिता अपनी दुकान पर थीं, रामामृतम ने मौके का फायदा उठाया। उसने रमिता पर पेंट थिनर डाला और बिना एक पल सोचे, आग लगा दी। देखते ही देखते रमिता की चीखें हवा में गूंजने लगीं। आसपास के लोग दौड़े, लेकिन तब तक रमिता की हालत गंभीर हो चुकी थी। उन्हें तुरंत मैंगलोर के एक अस्पताल में ले जाया गया, जहां 50 प्रतिशत जलने के कारण मंगलवार को उनकी मृत्यु हो गई।
स्थानीय लोगों की साहसी प्रतिक्रिया
घटना के बाद रामामृतम भागने की कोशिश में था, लेकिन स्थानीय लोगों ने उसे पकड़ लिया। गुस्साए ग्रामीणों ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए रामामृतम के खिलाफ हत्या और अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया। इस घटना ने पूरे गांव में आक्रोश पैदा कर दिया, और लोग अब शराब की लत और इसके सामाजिक दुष्प्रभावों पर खुलकर बात कर रहे हैं।
शराब: एक सामाजिक अभिशाप
यह घटना सिर्फ एक अपराध की कहानी नहीं, बल्कि शराब की लत से उपजी हिंसा का एक कड़वा सच है। शराब न केवल व्यक्तिगत जिंदगियों को बर्बाद करती है, बल्कि समाज में हिंसा और अपराध को भी बढ़ावा देती है। रमिता जैसी मेहनती और निहत्थी महिलाएं इसका शिकार बन रही हैं। यह समय है कि हम शराब के दुष्प्रभावों के खिलाफ जागरूक हों और समाज में बदलाव लाने के लिए एकजुट हों।