बैंकों में लोग अपनी जरूरतों के हिसाब से खाते खुलवाते हैं, जिनमें से दो मुख्य प्रकार हैं – बचत खाता (Savings Account) और चालू खाता (Current Account)। ज्यादातर लोग अपने पैसों को बचाने और सुरक्षित रखने के लिए सेविंग अकाउंट को चुनते हैं।
लेकिन क्या आपको पता है कि अगर आप एक वित्त वर्ष में अपने बचत खाते में तय सीमा से ज्यादा नकदी जमा करते हैं, तो आपको आयकर विभाग (Income Tax Department) का नोटिस मिल सकता है? आइए इस खबर के जरिए जानते हैं कि सेविंग अकाउंट से जुड़े नियम क्या कहते हैं और इनका पालन करना क्यों जरूरी है।
कैश जमा करने का मतलब क्या है?
बैंक में कैश जमा (Cash Deposit) का अर्थ है अपने खाते में नकदी को सीधे जमा करना – चाहे वह बैंक शाखा में मैन्युअल तरीके से हो, मनी ट्रांसफर के जरिए हो या फिर एटीएम का इस्तेमाल करके। लोग अक्सर अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखने के लिए बैंकों का सहारा लेते हैं।
आप अपने खाते से पैसा निकाल भी सकते हैं, लेकिन जमा की गई राशि को सेविंग अकाउंट मैक्सिमम डिपॉजिट (Savings Account Maximum Deposit) के तौर पर ही गिना जाता है। यह समझना जरूरी है कि इन नियमों का पालन न करने से परेशानी हो सकती है।
आयकर विभाग के नियम क्या कहते हैं?
आयकर विभाग ने बचत खातों के लिए कुछ सख्त नियम बनाए हैं। अगर आप एक वित्त वर्ष, जैसे कि फाइनेंशियल ईयर 2025-2026, में अपने सेविंग अकाउंट में 10 लाख रुपये से ज्यादा नकदी जमा करते हैं, तो आपको नोटिस का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, कैश डिपॉजिट लिमिट इन सेविंग अकाउंट (Cash Deposit Limit in Saving Account) 10 लाख रुपये तय की गई है। अगर आपकी जमा राशि इस सीमा को पार करती है, तो विभाग आपसे जवाब मांग सकता है। यह नियम आपकी छोटी-सी लापरवाही को बड़ा जोखिम बना सकता है।
क्या कहता है इनकम टैक्स का प्रावधान?
इनकम टैक्स अधिनियम 1962 (Income Tax Act, 1962) की धारा 114B के तहत, सभी बैंक और वित्तीय संस्थानों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे बड़ी नकद जमा की जानकारी आयकर विभाग को दें। विभाग हमेशा नजर रखता है कि आपके सेविंग अकाउंट डिपॉजिट लिमिट (Savings Account Deposit Limit) से ज्यादा पैसा जमा हुआ है या नहीं।
खास बात यह है कि एक व्यक्ति के सभी खातों में जमा नकदी को जोड़कर इसकी गणना की जाती है। अगर आप तय सीमा से ज्यादा पैसा जमा करते हैं, तो आपको सेविंग अकाउंट की ब्याज पर टैक्स (Savings Account Interests Taxable) भी देना पड़ सकता है। इसलिए, नियमों को समझना और उनका पालन करना बेहद जरूरी है।