भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में रेपो रेट (Repo Rate Cut by RBI) में 0.25% की कटौती कर इसे 6.25% कर दिया है। यह फैसला होम लोन ग्राहकों के लिए राहतभरा साबित होगा, खासकर उनके लिए जो फ्लोटिंग रेट (Floating Rate) पर लोन ले चुके हैं। ब्याज दरों में आई इस गिरावट से नए होम लोन लेने वालों के लिए भी फायदे की स्थिति बनेगी।
ईएमआई पर कैसे पड़ेगा असर?
रेपो रेट में कमी से सीधा असर लोन की ब्याज दरों पर पड़ता है, जिससे फ्लोटिंग रेट पर लोन लेने वाले ग्राहकों की EMI कम हो जाती है। हालांकि, जिन लोगों ने फिक्स्ड रेट (Fixed Rate) पर लोन लिया है, उन्हें इस बदलाव का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा, रेपो रेट में कटौती से बैंक भी अपनी ब्याज दरें घटा सकते हैं, जिससे नए होम लोन लेने वाले उपभोक्ताओं को कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है।
रियल एस्टेट और GDP ग्रोथ को मिलेगा बढ़ावा
विशेषज्ञों का मानना है कि रेपो रेट में कमी से रियल एस्टेट बाजार (Real Estate Market) में तेजी आएगी। कम ब्याज दरों की वजह से अधिक लोग घर खरीदने के लिए प्रेरित होंगे, जिससे प्रॉपर्टी सेक्टर को मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वित्त वर्ष 2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था में उछाल आने की संभावना जताई जा रही है।
ईएमआई की गणना ऐसे होगी
अगर किसी व्यक्ति ने 30 साल के लिए 50 लाख रुपये का होम लोन फ्लोटिंग रेट (Floating Rate) पर 8.75% ब्याज दर पर लिया है, तो उसकी मासिक EMI लगभग 39,335 रुपये बनती है। अब, रेपो रेट में 0.25% की कटौती के बाद, यह ब्याज दर 8.50% हो सकती है, जिससे EMI घटकर 38,446 रुपये हो जाएगी। इसी तरह, अगर ब्याज दर 9.55% थी और 0.25% की कटौती के बाद 9.30% हो गई, तो EMI 42,225 रुपये से घटकर 41,315 रुपये हो जाएगी।
RBI के इस फैसले से होम लोन (Home Loan News) ग्राहकों को बड़ी राहत मिली है। फ्लोटिंग रेट पर लोन लेने वालों के लिए यह सुनहरा अवसर है, क्योंकि उनकी EMI में कटौती होगी। वहीं, रियल एस्टेट और GDP ग्रोथ पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। बैंकों द्वारा नई ब्याज दरें लागू करने में थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन यह फैसला निश्चित रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देगा।