---Advertisement---

Haj quota : क्या 42 हजार भारतीय अब नहीं कर पाएंगे हज? सऊदी के फैसले ने मचाया बवाल

---Advertisement---


Haj quota : हज यात्रा, जो हर मुस्लिम के लिए जीवन का एक पवित्र सपना होती है, इस साल भारत के लिए एक बड़े विवाद का केंद्र बन गई है। सऊदी अरब के नए नियमों और समयसीमा की सख्ती ने 42,000 से अधिक भारतीय तीर्थयात्रियों के हज पर जाने की उम्मीदों पर ग्रहण लगा दिया है।

इस मामले ने न केवल धार्मिक भावनाओं को प्रभावित किया है, बल्कि भारत सरकार और सऊदी प्रशासन के बीच कूटनीतिक चर्चाओं को भी तेज कर दिया है। आइए, इस पूरे मामले को गहराई से समझते हैं और जानते हैं कि सरकार इस संकट को हल करने के लिए क्या कदम उठा रही है।

सऊदी अरब के नियमों ने बढ़ाई मुश्किलें

हर साल लाखों भारतीय मुस्लिम हज यात्रा के लिए सऊदी अरब जाते हैं। भारत को इस साल 1,75,025 हज कोटा आवंटित किया गया था, जिसमें से 1,22,518 कोटा भारत की हज समिति के जरिए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय (MoMA) द्वारा प्रबंधित किया जाता है। बाकी 52,507 कोटा प्राइवेट टूर ऑपरेटरों को दिया गया था।

लेकिन इस बार सऊदी अरब ने उड़ानों, परिवहन, मीना कैंप और ठहरने की व्यवस्था जैसे अनिवार्य अनुबंधों को समय पर पूरा करने की सख्त शर्त रखी। दुर्भाग्यवश, कई प्राइवेट ऑपरेटर इन शर्तों को पूरा नहीं कर सके, जिसके चलते सऊदी प्रशासन ने कोटे में भारी कटौती कर दी।

See also  Dhirendra Shastri : बाबा बागेश्वर पर शिवसेना का हमला, बताया ‘नरसंहार की सोच रखने वाला'

इस कटौती ने 42,000 से अधिक तीर्थयात्रियों के सपनों को अधर में लटका दिया है। सऊदी हज मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि इस साल वे किसी भी देश के लिए समयसीमा में ढील नहीं देंगे। इस सख्त रुख के पीछे मीना में सीमित स्थान और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को लेकर उनकी चिंताएं हैं, खासकर जब हज अनुष्ठान भीषण गर्मी में किए जाते हैं।

सरकार का हस्तक्षेप और नई उम्मीद

भारत सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और सऊदी अधिकारियों के साथ लगातार बातचीत कर रही है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की कोशिशों का असर यह हुआ कि सऊदी हज मंत्रालय ने 10,000 तीर्थयात्रियों के लिए हज पोर्टल (Nusuk Portal) को दोबारा खोलने पर सहमति जताई। यह कदम मीना में उपलब्ध स्थान के आधार पर उठाया गया है। मंत्रालय ने प्राइवेट ऑपरेटरों को तुरंत इस मौके का फायदा उठाने और जरूरी व्यवस्थाएं पूरी करने के निर्देश दिए हैं।

See also  Hajj 2025 : सऊदी अरब ने मान ली भारत सरकार की बात - 10,000 भारतीयों को मिलेगा हज वीजा

सरकार का कहना है कि वह हर संभव कोशिश कर रही है ताकि अधिक से अधिक भारतीय तीर्थयात्री इस साल हज पर जा सकें। मंत्रालय ने यह भी बताया कि उसकी मेहनत की वजह से ही भारत का हज कोटा 2014 के 1,36,020 से बढ़कर 2025 में 1,75,025 तक पहुंचा है। यह उपलब्धि सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, लेकिन प्राइवेट ऑपरेटरों की लापरवाही ने इस बार स्थिति को जटिल बना दिया।

मुस्लिम संगठनों और विपक्ष की मांग

इस कोटा कटौती ने न केवल तीर्थयात्रियों को निराश किया है, बल्कि देश भर में कई मुस्लिम संगठनों और नेताओं का ध्यान भी खींचा है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस मामले को “बेहद चिंताजनक” बताते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर से सऊदी अधिकारियों के साथ तुरंत बातचीत करने की मांग की है। वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे को सऊदी नेतृत्व के सामने उठाने की अपील की है। कई संगठनों ने भी सरकार से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की गुहार लगाई है।

See also  भारत का AMCA देगा Su-57 और F-35 को मात, ये खूबियां जानकर दंग रह जाएंगे आप

प्राइवेट ऑपरेटरों की लापरवाही का खामियाजा

इस पूरे विवाद में प्राइवेट टूर ऑपरेटरों की भूमिका सबसे ज्यादा सवालों के घेरे में है। मंत्रालय ने 800 से अधिक ऑपरेटरों को 26 कानूनी संस्थाओं (कंबाइंड हज ग्रुप ऑपरेटर्स या CHGO) में संगठित किया था और उन्हें समय रहते कोटा आवंटित कर दिया था। इसके बावजूद, ये ऑपरेटर सऊदी नियमों के तहत जरूरी अनुबंधों को पूरा करने में नाकाम रहे। परिवहन, ठहरने की व्यवस्था और कैंप्स जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं में देरी ने स्थिति को और बिगाड़ दिया।

आगे क्या?

हज यात्रा न केवल एक धार्मिक कर्तव्य है, बल्कि यह लाखों भारतीय मुस्लिमों की आस्था और भावनाओं से भी जुड़ी है। भारत सरकार और सऊदी प्रशासन के बीच चल रही बातचीत से तीर्थयात्रियों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। लेकिन इस पूरे मामले ने एक बार फिर प्राइवेट ऑपरेटरों की जवाबदेही और हज यात्रा के प्रबंधन में पारदर्शिता की जरूरत को उजागर किया है।

Join WhatsApp

Join Now
---Advertisement---

Leave a Comment