केंद्र और राज्य सरकारें लोगों की मुश्किलें दूर करने के लिए एकजुट होकर काम कर रही हैं। इसी कड़ी में हरियाणा की नायब सैनी सरकार ने पिछड़े समुदायों के कल्याण के लिए बड़ा कदम उठाया है, जिससे जनता का भरोसा और प्यार दोनों जीता जा रहा है। सरकार ने अपने खजाने के दरवाजे खोल दिए हैं ताकि समाज के हर वर्ग तक मदद पहुंच सके।
हाल ही में राज्य के राज्यपाल दत्तात्रेय ने बजट सत्र के पहले दिन विधानसभा में यह बात साफ की कि सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में जनता से किए वादों को पूरा करने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। उन्होंने कहा कि पिछड़े समुदायों के उत्थान और राज्य के विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए ठोस योजनाएं बनाई जा रही हैं। यह सुनकर लोगों में उम्मीद की किरण जगी है।
हरियाणा सरकार ने एक खास योजना के तहत समाज के कुछ चुनिंदा लोगों के लिए 3,000 रुपये मासिक पेंशन शुरू करने का ऐलान किया है। इस घोषणा से जनता में खुशी की लहर दौड़ गई है। हालांकि, इस पेंशन का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना जरूरी होगा। आगे इस लेख में हम आपको बताएंगे कि यह लाभ किन-किन लोगों को मिलेगा।
राज्यपाल दत्तात्रेय ने बताया कि यह पेंशन योजना खास तौर पर हीमोफीलिया और थैलेसीमिया जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए तैयार की गई है। इन मरीजों को हर महीने 3,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। खास बात यह है कि इस पेंशन के लिए कोई उम्र की सीमा तय नहीं की गई है और यह किसी अन्य पेंशन से अलग अतिरिक्त सहायता के तौर पर दी जाएगी। यह कदम सरकार की संवेदनशीलता और जिम्मेदारी को दर्शाता है।
किसानों के हित में भी हरियाणा सरकार ने बड़े प्रयास किए हैं। राज्यपाल ने गर्व से कहा कि हरियाणा देश का ऐसा अनोखा राज्य है, जहां 24 फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदा जाता है। पिछले नौ सीजनों में ‘ई-खरीद पोर्टल’ के जरिए 12 लाख किसानों के खातों में 1,25,000 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं। यह कदम न सिर्फ किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहा है, बल्कि राज्य की कृषि व्यवस्था को भी नई दिशा दे रहा है।