उत्पीड़न की शिकार महिला को न्याय मिलना उसका अधिकार, मुकदमा दर्ज करने में क्यों हो रही कोताही : गरिमा दसौनी
देहरादून : लालकुआं दुग्ध संघ के अध्यक्ष पर दुग्ध संघ में ही कार्यरत एक महिला कर्मी द्वारा लालकुआं थाने में तहरीर दी गई है, जिसमें उसने दुग्ध संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा पर गंभीर आरोप लगाए है। इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने पुलिस प्रशासन द्वारा पीड़ित महिला को इंतजार करवाने का आरोप लगाया है।
दसौनी ने कहा की प्रदेश में लगातार महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ते जा रहे हैं और सत्ता रूढ़ दल के लोगों का महिला अपराधों में संलिप्त होना मामले को और गंभीर बनाता है। प्रदेश की कानून व्यवस्था पर जनता के विश्वास के लिए यह जरूरी है कि पीड़ित महिला कोई भी हो उसकी शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए और मामले की सघनता से जांच की जानी चाहिए।
दसौनी ने कहा की महिलाओं के द्वारा लगाए आरोपों की कांग्रेस पार्टी पुष्टि नहीं करती परंतु महिला की तहरीर पर प्राथमिकी तक दर्ज न करना पीड़िता को न्याय से वंचित करना करना है।दसौनी ने जानकारी देते हुए बताया कि युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुमित भुल्लर की अगुवाई में स्थानीय जनता ने दुग्ध संघ कार्यालय लाल कुआं के बाहर न सिर्फ दुग्ध संघ अध्यक्ष का पुतला दहन किया बल्कि थाना अध्यक्ष लाल कुआं पर पीड़िता की तहरीर के आधार पर एफआईआर दर्ज करने का आग्रह भी किया गया परंतु थाना अध्यक्ष द्वारा कुछ समय की मोहलत मांगी गई है और कहां गया है कि आज प्राथमिकी दर्ज कर ली जाएगी।
गरिमा ने कहा कि बीते रोज अल्मोड़ा के सल्ट में एक 14 वर्षीय किशोरी के साथ भाजपा के मंडल अध्यक्ष द्वारा छेड़छाड़ का मामला सामने आया जिसमें मंडल अध्यक्ष को पार्टी से निष्कासित तो कर दिया गया परंतु भाजपा भूल रही है कि वह प्रदेश में सत्ता रूढ़ दल भी है और उसकी जिम्मेदारी निष्कासन से बढ़कर प्रदेश की बाकी महिलाओं को सुरक्षा और संरक्षण प्रदान करने की है।
गरिमा ने कहा कि पूरे ही मामले में आरोपी को संरक्षण प्राप्त होने की सूचना मिल रही है, दसौनी ने कहा कि यह बहुत ही दुखद है कि एक तरफ तो भारतीय जनता पार्टी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे बड़े नारे देती है वहीं दूसरी ओर प्रदेश में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और अन्याय में यदि उन्ही के कार्यकर्ता और नेता सम्मिलित पाए जाते हैं तो उनके बचाव के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया जाता है।
दसौनी ने कहा की आज प्रदेश में महिला अपराधों की बाढ़ आ गई है और खास करके नाबालिग बच्चियों के साथ अपराध हो रहे हैं वह सभी के लिए चिंतनीय ही नहीं मंथनीय विषय है, जिसमें किसी तरह की कोई कोताही नहीं होनी चाहिए।
अपराधी को अपराधी की दृष्टि से देखा जाना चाहिए वह किसी दल जाति या धर्म विशेष का नहीं होता और यदि पीड़ित महिला के द्वारा लगाए गए अपराधों की पुष्टि होती है तो फिर अपराधी की पहुंच कितनी भी दूर की क्यों ना हो न्याय सबके लिए एक समान है और उस पर कठोर से कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।